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| Jeevan Pramaan: Digital Life Certificate for Pensioners | india.gov.in |
सरकारी पेंशन पाने वाले अधिकतर लोगों के लिए जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। यदि समय पर जीवन प्रमाण पत्र जमा नहीं किया जाए, तो पेंशन रुक भी सकती है। इस लेख में हम सरल हिन्दी में समझेंगे कि जीवन प्रमाण पत्र क्या होता है, किसे देना पड़ता है, कब और कैसे बनवाया जाता है।
जीवन प्रमाण पत्र क्या होता है?
जीवन प्रमाण पत्र एक सरकारी/अधिकृत प्रमाण है, जो यह दर्शाता है कि संबंधित पेंशनभोगी (pensioner) जीवित है।
इसे सामान्य भाषा में “जीवित प्रमाण पत्र” भी कहा जाता है।
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यह प्रमाण पत्र हर साल बैंक, ट्रेजरी, डाकघर या पेंशन डिस्बर्सिंग प्राधिकरण को देना होता है।
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इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशन केवल जीवित पात्र व्यक्ति को ही मिले, कोई धोखाधड़ी न हो।
किसे जीवन प्रमाण पत्र देना होता है?
आमतौर पर जीवन प्रमाण पत्र निम्नलिखित लोगों को देना होता है:
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सरकारी पेंशनभोगी
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केंद्र सरकार के पेंशनर
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राज्य सरकार के पेंशनर
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अर्ध-सरकारी संस्थान/पीएसयू आदि के पेंशनर
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परिवार पेंशन पाने वाले
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पेंशनर की मृत्यु के बाद पत्नी/पति
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या अन्य पात्र परिवार सदस्य जिन्हें परिवार पेंशन मिलती है
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जो भी व्यक्ति बैंक या अन्य संस्थान से नियमित पेंशन प्राप्त करता है, उसे समय-समय पर जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है।
कब जमा करना होता है जीवन प्रमाण पत्र?
अधिकतर मामलों में जीवन प्रमाण पत्र हर वर्ष जमा किया जाता है। सामान्यतः –
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बहुत से पेंशनर हर साल नवंबर महीने में जीवन प्रमाण पत्र देते हैं।
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कुछ विभाग/संस्थान अलग तारीखें भी तय करते हैं, जैसे जन्म माह के आधार पर।
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बैंक या विभाग द्वारा दिया गया नोटिस/नियम ज़रूर देखें, ताकि समय पर जमा कर सकें।
यदि समय पर जीवन प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया, तो पेंशन अस्थायी रूप से रोक दी जाती है, जब तक कि नया प्रमाण पत्र जमा न हो जाए।
जीवन प्रमाण पत्र कहाँ से बनवाया जा सकता है?
जीवन प्रमाण पत्र कई तरीक़ों से बनवाया जा सकता है:
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बैंक/डाकघर/ट्रेजरी कार्यालय
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जहाँ से पेंशन मिलती है, वहाँ के कर्मचारी या मैनेजर द्वारा फॉर्म पर सत्यापन कर जीवन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
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सरकारी अधिकारी के माध्यम से
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कुछ मान्यता प्राप्त अधिकारी (जैसे: तहसीलदार, सरपंच, गजेटेड अधिकारी आदि) भी जीवन प्रमाण पत्र को प्रमाणित कर सकते हैं – यह नियम राज्य/विभाग के अनुसार बदल सकता है।
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CSC (Common Service Center) के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण (Jeevan Pramaan)
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डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट आजकल बहुत प्रचलित है।
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आधार आधारित बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण से ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र जनरेट होता है और सीधे पेंशन विभाग तक पहुँच जाता है।
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घर बैठे (Doorstep Service)
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कई बैंक, डाकघर और CSC घर तक आकर (कुछ शुल्क के साथ) वरिष्ठ नागरिकों से बायोमैट्रिक लेकर डिजिटल जीवन प्रमाण बना रहे हैं।
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विशेष रूप से बहुत बुज़ुर्ग या अस्वस्थ पेंशनर के लिए यह सुविधा उपयोगी है।
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जीवन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
जीवन प्रमाण पत्र बनवाते समय सामान्यतः ये दस्तावेज़ माँगे जाते हैं:
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पेंशनर का पहचान पत्र
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आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड, पेंशनर आईडी आदि
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पेंशन से संबंधित विवरण
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PPO नंबर (Pension Payment Order No.)
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बैंक पासबुक/खाता संख्या
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पेंशन भुगतान बैंक/शाखा का नाम
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ताज़ा पासपोर्ट साइज फोटो (यदि मैनुअल फॉर्म है तो)
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आधार व मोबाइल नंबर
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डिजिटल जीवन प्रमाण के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर और बायोमैट्रिक (फिंगरप्रिंट/आईरिस) ज़रूरी होता है।
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जीवन प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया (ऑफलाइन)
यदि आप मैनुअल/पेपर जीवन प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं, तो प्रक्रिया साधारण है:
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पेंशन देने वाले बैंक/ऑफिस से जीवन प्रमाण पत्र का फॉर्म लें या किसी अधिकृत अधिकारी से।
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फॉर्म में
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पेंशनर का नाम
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पिता/पति का नाम
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पता
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PPO नम्बर
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बैंक अकाउंट आदि की जानकारी भरें।
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पेंशनर स्वयं बैंक या अधिकारी के सामने उपस्थित हों।
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अधिकारी पेंशनर को देखकर यह प्रमाणित करेगा कि व्यक्ति जीवित है।
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अधिकारी के हस्ताक्षर, मुहर और तारीख के बाद यह फॉर्म जीवन प्रमाण पत्र के रूप में मान्य हो जाता है।
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इसे पेंशन जारी करने वाले विभाग/बैंक में जमा कर दें।
डिजिटल जीवन प्रमाण (Jeevan Pramaan) क्या है?
डिजिटल जीवन प्रमाण एक इलेक्ट्रॉनिक लाइफ सर्टिफिकेट है, जो आधार आधारित बायोमैट्रिक से ऑनलाइन जनरेट होता है।
इसकी खास बातें:
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पेंशनर को हर साल बैंक/कार्यालय जाने की ज़रूरत कम हो जाती है।
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प्रमाण पत्र सीधे सिस्टम में अपडेट हो जाता है।
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पेंशनर के मोबाइल पर SMS या Jeevan Pramaan ID मिल जाती है, जिसे ज़रूरत पड़ने पर दिखाया जा सकता है।
कैसे बनता है? (संक्षेप में)
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नज़दीकी CSC सेंटर, बैंक या किसी अधिकृत डिजिटल केंद्र पर जाएँ।
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अपने साथ आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, PPO नंबर, बैंक विवरण लेकर जाएँ।
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ऑपरेटर आपके आधार को बायोमैट्रिक (फिंगर/आईरिस) से वेरीफाई करेगा।
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सफल सत्यापन के बाद आपकी Jeevan Pramaan ID और डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जनरेट हो जाएगा।
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यह ऑनलाइन आपके पेंशन विभाग/बैंक के पास पहुँच जाता है।
जीवन प्रमाण पत्र न देने पर क्या होता है?
यदि निर्धारित समय सीमा में जीवन प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया, तो:
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आपकी पेंशन अस्थायी रूप से बंद हो सकती है।
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बाद में जीवन प्रमाण पत्र जमा करने पर पेंशन फिर से शुरू हो जाती है, लेकिन
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बीच के समय की पेंशन जारी करने में देरी या अतिरिक्त प्रक्रिया हो सकती है।
इसलिए पेंशनर के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे समय-समय पर जीवन प्रमाण पत्र अवश्य जमा करें।
जीवन प्रमाण पत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
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तारीख याद रखें
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हर साल नवंबर या जो भी महीना विभाग ने तय किया हो, उसे डायरी/मोबाइल में नोट कर लें।
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दूर रहने पर क्या करें?
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यदि पेंशनर किसी दूसरे शहर/राज्य में रहते हैं, तो वहाँ के किसी अधिकृत अधिकारी से प्रमाण पत्र बनवाकर बैंक/विभाग को भेजा जा सकता है, या डिजिटल जीवन प्रमाण का उपयोग किया जा सकता है।
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अस्वस्थ या चलने-फिरने में असमर्थ पेंशनर
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ऐसे मामलों में कई बैंक और डाकघर घर जाकर (doorstep) लाइफ सर्टिफिकेट लेते हैं।
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परिवार के सदस्य बैंक से संपर्क कर इस सुविधा के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
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परिवार पेंशन वालों के लिए भी आवश्यक
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यदि आप मृत पेंशनर की पत्नी/पति या अन्य रिश्तेदार के रूप में परिवार पेंशन ले रहे हैं, तो आपको भी समय-समय पर जीवन प्रमाण पत्र देना पड़ता है।
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निष्कर्ष
जीवन प्रमाण पत्र पेंशनभोगियों के लिए एक छोटा लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है।
यह सरकार और बैंक को यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि पेंशन सही व्यक्ति तक पहुँच रही है।
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समय पर जीवन प्रमाण पत्र जमा करने से पेंशन में रुकावट नहीं आती।
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आज के समय में डिजिटल जीवन प्रमाण जैसी सुविधाओं से यह प्रक्रिया और भी आसान हो गई है।
यदि आप स्वयं पेंशनर हैं या आपके परिवार में कोई पेंशन लेता है, तो जीवन प्रमाण पत्र की तारीख और प्रक्रिया के बारे में समय रहते जानकारी रखें, ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके।


